Suzuki की फ्लाइंग कारें बनाने की तैयारी, SkyDrive से की पार्टनरशिप

ग्लोबल ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक Suzuki ने ‘फ्लाइंग कारें’ बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए सुजुकी ने SkyDrive के साथ एग्रीमेंट किया है। इन दोनों कंपनियों ने पिछले वर्ष फ्लाइंग कारों के लिए रिसर्च, डिवेलपमेंट और मार्केटिंग से जुड़ी एक डील की थी। हालांकि, इस प्रोजेक्ट में इनवेस्टमेंट के बारे में जानकारी नहीं दी गई है।

फ्लाइंग कारें बनाने के लिए जापान में Suzuki Group की फैक्टरी का इस्तेमाल किया जाएगा

फ्लाइंग कारें बनाने के लिए जापान में Suzuki Group की फैक्टरी का इस्तेमाल किया जाएगा। इस फैक्टरी में इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग (eVTOL) एयरक्राफ्ट बनाया जाएगा। इसका प्रोडक्शन अगले वर्ष शुरू हो सकता है। इस एग्रीमेंट के तहत, एयरक्राफ्ट की मैन्युफैक्चरिंग के लिए SkyDrive एक पूरी हिस्सेदारी वाली सब्सिडियरी बनाएगी और सुजुकी की जिम्मेदारी मैनपावर सहित मैन्युफैक्चरिंग के लिए तैयारी में मदद करने की होगी। SkyDrive का हेडक्वार्टर जापान के टोयोटा शहर में है। पिछले वर्ष इन दोनों कंपनियों ने बताया था कि वे नए मार्केट्स में जाने की कोशिश करेंगी। इनमें भारत भी शामिल होगा।

भारत में सुजुकी की मारूति के साथ पार्टनरशिप है

भारत में सुजुकी की मारूति के साथ पार्टनरशिप है। देश के पैसेंजर्स कार मार्केट में मारूति सुजुकी की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। हाल ही में मारुति ने बताया था कि वह बिक्री और एक्सपोर्ट की डिमांड में बढ़ोतरी के अनुमान के मद्देनजर एक नया मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की योजना बना रही है। इस प्लांट की कैपेसिटी वार्षिक 10 लाख यूनिट्स तक होगी। कंपनी ने मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए लगभग 8,000 करोड़ रुपये रखे हैं।

कंपनी ने नए प्लांट की लोकेशन और इस पर किए जाने वाले इनवेस्टमेंट को फाइनल नहीं किया है। मारूति ने कहा था कि उसके बोर्ड ने नए प्लांट में वार्षिक 10 लाख यूनिट्स की कैपेसिटी बनाने के लिए सैद्धांतिक अनुमति दी है। नया प्लांट हरियाणा के सोनीपत में बन रहे मैन्युफैक्चरिंग प्लांट से अलग होगा। नए प्लांट पर कंपनी के सोनीपत में प्लांट के साथ कार्य किया जाएगा। पिछले फाइनेंशियल ईयर के अंत तक मारूति के पास लगभग 45,000 करोड़ रुपये का कैश रिजर्व था। कंपनी ने बताया था कि उसे टोयोटा के साथ अपने कोलेब्रेशन के तहत एक बड़ा थ्री रो स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड मॉडल मिलेगा। मारूति को सेमीकंडक्टर की शॉर्टेज के कारण प्रोडक्शन का नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालांकि, कंपनी को अगली तिमाही में स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।

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