iPhone 15 Pro, iPhone 15 Pro Max को हल्का बनाने के लिए होगा टाइटेनियम चेसिस का इस्तेमाल!

अमेरिकी डिवाइसेज कंपनी Apple की iPhone 15 सीरीज अगले महीने लॉन्च हो सकती है। इस सीरीज के iPhone 15 Pro और iPhone 15 Pro Max को पिछले आईफोन्स की तुलना में कुछ हल्का बनाया जा सकता है। iPhone 15 सीरीज के प्रो मॉडल्स में स्टेनलेस स्टील के बजाय टाइटेनियम चेसिस का इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे iPhone 15 Pro और iPhone 15 Pro Max का वजन 8 प्रतिशत तक कम हो सकता है।

जानिए क्या कहना है 9to5Mac की रिपोर्ट का

9to5Mac की रिपोर्ट के अनुसार, iPhone 15 Pro का वजन 191 ग्राम और iPhone 15 Pro Max का लगभग 221 ग्राम हो सकता है। iPhone 14 Pro का वजन 206 ग्राम, जबकि iPhone 14 Pro Max का 240 ग्राम था। हालांकि Apple की ओर से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। कंपनी की योजना iPhone 15 Pro और iPhone 15 Pro Max को दो नए कलर्स में लॉन्च करने की भी है। ये कलर्स डार्क ब्लू और टाइटन ग्रे हो सकते हैं।

एपल ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने की योजना बनाई है

एपल ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने की योजना बनाई है। कंपनी ने चीन में अपनी मैन्युफैक्चरिंग का बड़ा हिस्सा भारत में शिफ्ट करने की तैयारी की है। हाल ही में एपल ने भारत में दो रिटेल स्टोर्स भी खोले थे। इन स्टोर्स को अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। एपल की योजना देश में स्मार्टफोन्स के पार्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने की भी है। हाल ही में कंपनी के सीनियर एग्जिक्यूटिव्स ने फाइनेंस मिनिस्ट्री के अधिकारियों के साथ एक मीटिंग में अपनी योजना की जानकारी दी थी। इस मीटिंग में सप्लाई चेन को समझने और iPhones की मैन्युफैक्चरिंग में देश में बने कंपोनेंट्स का अधिक इस्तेमाल करने पर फोकस किया गया था।

केंद्र सरकार इसके लिए कंपनी को टैक्स इंसेंटिव नहीं देना चाहती। इसके बावजूद एपल देश में इनवेस्टमेंट बढ़ाने में दिलचस्पी रखती है। एपल के सप्लायर्स की बड़ी संख्या चीन में है और यह चीन पर अपनी निर्भरता को घटाने की योजना बना रही है। एपल ने 2017 में भारत में आईफोन्स की मैन्युफैक्चरिंग की शुरुआत की थी। कंपनी को आईफोन्स की मैन्युफैक्चरिंग का लगभग सात प्रतिशत देश से मिलता है। अगले कुछ वर्षों में यह आंकड़ा तेजी से बढ़ने की संभावना है।

देश में इलेक्ट्रॉनिक्स की मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं। इसका फायदा उठाने के लिए सैमसंग और एपल जैसी बड़ी स्मार्टफोन कंपनियों ने भारत में इनवेस्टमेंट बढ़ाया है।

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