Tata Group की iPhone की सबसे बड़ी फैक्टरी लगाने की योजना, 50,000 वर्कर्स की होगी हायरिंग

ऑटोबाइल से लेकर सॉफ्टवेयर तक का बिजनेस करने वाले Tata Group ने भारत में iPhone को असेंबल करने की सबसे बड़ी फैक्टरी लगाने की योजना बनाई है। दुनिया भर में बड़ी संख्या में बिकने वाले iPhone को बनाने वाली Apple का टारगेट चीन में मैन्युफैक्चरिंग को घटाने का है। पिछले कुछ वर्षों में देश में आईफोन की बिक्री तेजी से बढ़ी है।

इसमें लगभग 50,000 वर्कर्स को रोजगार मिल सकता है

Bloomberg की एक रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि टाटा ग्रुप की योजना तमिलनाडु के होसुर में यह फैक्टरी बनाने की है। इसमें लगभग 50,000 वर्कर्स को रोजगार मिल सकता है। इस फैक्टरी में लगभग 20 असेंबल लाइंस होंगी। इसे 12 से 18 महीनों में शुरू किया जा सकता है। टाटा ग्रुप के पास पहले ही Wistron से एक्वायर की गई iPhone की फैक्टरी मौजूद है। एपल ने चीन में अपनी मैन्युफैक्चरिंग को घटाने की योजना बनाई है। इसके लिए कंपनी ने भारत, थाईलैंड, मलेशिया और कुछ अन्य देशों में असेंबली और कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर्स के साथ बातचीत शुरू की है।

एपल के साथ बिजनेस बढ़ाने के लिए टाटा ग्रुप ने कुछ अन्य कदम भी उठाए हैं

एपल के साथ बिजनेस बढ़ाने के लिए टाटा ग्रुप ने कुछ अन्य कदम भी उठाए हैं। टाटा ग्रुप ने होसुर की अपनी मौजूदा फैक्टरी में हायरिंग को बढ़ाया है। इस फैक्टरी में आईफोन की मेटल केसिंग्स बनाई जाती हैं। टाटा ग्रुप ने Apple के प्रोडक्ट्स की बिक्री के लिए लगभग 100 रिटेल स्टोर्स खोलने की भी जानकारी दी है। हाल ही में एपल ने देश में अपने दो स्टोर्स शुरू किए थे। कंपनी की योजना इनकी संख्या बढ़ाने की है। एपल की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर Foxconn ने भारत में 1.5 अरब डॉलर (लगभग 12,500 करोड़ रुपये) का इनवेस्टमेंट करने की योजना बनाई है। ताइवान की फॉक्सकॉन ने देश में आईफोन का प्रोडक्शन बढ़ाने की तैयारी की है। इसने कुछ महीने पहले तमिलनाडु की अपनी फैक्टरी में वर्कर्स को ट्रेनिंग देने के लिए चाइनीज इंजीनियर्स को भी भेजा था। इस फैक्टरी में लगभग 40,000 वर्कर्स हैं।

हाल ही में देश में फॉक्सकॉन के प्रतिनिधि ने बताया था कि कंपनी का लक्ष्य अगले वर्ष तक अपने इनवेस्टमेंट और वर्कफोर्स को दोगुना करने का है। यह चीन के बाहर अपने प्रोडक्शन को डायवर्सिफाइ करना चाहती है। पिछले वर्ष चीन में कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन से फॉक्सकॉन के प्रोडक्शन पर असर पड़ा था।

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