Cowboy ने नए डिजाइन और फीचर्स के साथ लॉन्च की क्रूजर ई-बाइक

पिछले कुछ वर्षों में ई-बाइक्स की बिक्री तेजी से बढ़ी है। ये एनवायरमेंट फ्रेंडली होने के साथ ही चलाने में भी आसान होती हैं। इन्हें शहर के भीड़ वाले एरिया में भी चलाया जा सकता है। नीदरलैंड की फर्म Cowboy ने नए डिजाइन और फीचर्स के साथ क्रूजर ई-बाइक लॉन्च की है। इसमें राइडर की सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है।

इसकी एर्गोनॉमिक हैंडलबार को पकड़ने से थकान भी बहुत कम होती है

इसकी एर्गोनॉमिक हैंडलबार को पकड़ने से थकान भी बहुत कम होती है। इसका वजन केवल 19.3 किलोग्राम का है। यह इस कैटेगरी में अन्य ई-बाइक्स की तुलना में हल्की है। इसमें वायरलेस चार्जिंग फोन माउंट, कम्फर्ट ग्रिप्स और एक गूगल मैप्स के साथ सपोर्ट वाली ऐप को इंटीग्रेट किया गया है। Cowboy की इस क्रूजर ई-बाइक में रिमूवेबल बैटरी, कार्बन बेल्ट और पंक्चर रेजिस्टेंट 47 mm टायर दिए गए हैं। इस फर्म का दावा है कि इसमें राइडर की सेफ्टी को प्रायरिटी दी गई है है। इसका शुरुआती प्राइस 3,393 डॉलर का है। इसे ब्लैक और सैंड कलर्स में उपलब्ध कराया गया है। इसे Cowboy की वेबसाइट के अलावा यूरोप में इसके लगभग 300 रिटेल पार्टनर्स से खरीदा जा सकता है।

भारत में भी ई-बाइक्स की बिक्री में तेजी आ रही है

भारत में भी ई-बाइक्स की बिक्री में तेजी आ रही है। ई-बाइक के रेंटल बिजनेस की बड़ी फर्मों में शामिल Yulu को जल्द ही प्रॉफिट में आने की उम्मीद है। इसने भारत के साथ ही विदेश में भी अपना बिजनेस बढ़ाने की योजना बनाई है। यह फर्म दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू में ऑपरेट करती है। अगले 15 महीनों में Yulu ने हैदराबाद, चेन्नई, पुणे, अहमदाबाद और कोलकाता सहित कई शहरों में बिजनेस शुरू करने की तैयारी की है। यह वाराणसी, आगरा और गोवा जैसे मार्केट्स में स्थानीय कारोबारियों के साथ टाई-अप करने की संभावना भी तलाश रही है। हाल ही में Yulu के CEO, Amit Gupta ने बताया था, “हम ऐसे शहरों में कम संख्या वाले फ्लीट को चलाने में दिलचस्पी रखने वाले किसी भी व्यक्ति को टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म देने के लिए तैयार हैं जहां हमारी लंबी अवधि में इसे चलाने की योजना नहीं है।

केंद्र सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन व्हीकल्स के लिए सब्सिडी की भी सरकार पेशकश कर रही है। Yulu का Zomato, Swiggy और Zepto जैसी डिलीवरी फर्मों के साथ टाई-अप है। Yulu के फ्लीट के इस्तेमाल और रेवेन्यू में डिलीवरी से जुड़ी फर्मों की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत की है।

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