भारत में बन रहे आईफोन फिर भी क्यों देना पड़ रहा है कई देशों से ज्यादा दाम?

Apple: भारत में एप्पल की मैन्युफैक्चरिंग तेजी से बढ़ी है और अब भारत में बने आईफोन का निर्यात अन्य बाजारों में किया जा रहा है, फिर भी भारतीय बाजार में एप्पल के प्रोडक्ट्स कई अन्य देशों की तुलना में काफी महंगे हैं. यह बात कई लोगों को खटकती है कि जब स्थानीय स्तर पर विनिर्माण हो रहा है, फिर भी यहां दाम इतने ज्यादा क्यों हैं. आज हम आपको इसका कारण बताने जा रहे हैं.

पिछले साल एप्पल कंपनी ने iPhone 15 सीरीज लॉन्च की थी. काफी टाइम से इस सीरीज की लॉन्चिंग का इंतजार करने वाले लोगों को लगा था कि इस बार तो आईफोन भारत में ही बनाये जा रहे हैं तो ये सस्ते खरीदने को मिलेंगे. लेकिन इसका उल्टा ही देखने को मिला. अपनी पहली सीरीज की तरह ही इस फोन को मंहगी कीमतों पर लॉन्च किया गया.

इन 10 देशों में सस्ता मिलता है आईफोन

यूएस समेत 10 देशों में आईफोन को सस्ते दामों पर बेचा जाता है. अमेरिका से तुलना की जाए तो भारत में ये तकरीबन 40 फीसदी ज्यादा है. भारत में आईफोन 15 के बेस मॉडल की कीमत 79,900 रुपये है, जबकि अमेरिका में इसकी कीमत 799 डॉलर (करीब 66,426 रुपये ) है.

आईफोन महंगा होने के पीछे क्या है वजह

हाल ही में ट्रेड विजन की रिपोर्ट सामने आई, जिसमें कहा गया है कि भारत से एप्पल के आईफोन का निर्यात 2023-24 में 12.1 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 2022-23 में 6.2 अरब अमेरिकी डॉलर था. आसान भाषा में कहें तो भारत से आईफोन का एक्सपोर्ट दोगुना हो गया है. अब सवाल यह है कि इस मैन्युफैक्चरिंग के बाद भी भारत में आईफोन की कीमत इतनी ज्यादा क्यों है. आइए जानते हैं कि इसके पीछे क्या बड़ी वजहे हैं.

  • यह बात बिल्कुल सही है कि iPhone को भारत में बनाया जा रहा है, लेकिन ये भी सच है कि आईफोन का बेस वेरिएंट ही सिर्फ भारत में बन रहा है क्योंकि दूसरी चीजें दूसरे देशों से भारत आ रही है. टेक्निकल टर्म में बात की जाए तो आईफोन के पार्ट्स जैसे कैमरा सेंसर, चिपसेट को अलग-अलग देशों से मंगाया जाता है और फिर इसे भारत में असेंबल किया है. आसान शब्दों में कहें तो दूसरे देशों से इस सामान को लाकर आईफोन बनाया जाता है.
  • सबसे पहला प्वॉइंट Assemble Cost है. एक बात आपको साफ-साफ समझनी होगी कि भारत में आईफोन बनते नहीं बल्कि असेंबल होते हैं. अब फोन भले ही भारत में असेंबल हो रहे हो, लेकिन दूसरे देश की तुलना में यहां असेंबल कॉस्ट 7 से 8 गुना ज्यादा है.
  • दूसरा कारण इम्पोर्ट ड्यूटी है. भारत में आईफोन महंगे होने के पीछे की एक वजह यह भी है कि इसके कई कॉमपोनेंट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी देनी पड़ती है. अगर आप आईफोन की असेंबलिंग भारत में करते हैं तो पीसीबी पर 20 फीसदी, कैमरा मॉड्यूल पर 15 फीसदी, ईयरफोन पर 15 फीसदी, माइक रिसीवर पर 15 फीसदी और डिस्प्ले टच पैनल पर 10 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगती है.
    तीसरा बड़ा कारण डिस्ट्रीब्यूशन कॉस्ट है, दुबई और अमेरिका जैसे देशों के मुकाबले भारत में आईफोन डिस्ट्रीब्यूशन 8 से 10 फीसदी महंगा है. दुबई जैसे देशों में कीमत में इतना अंतर है कि इंडिया से फ्लाइट पकड़कर जाने और वापस आने के बाद भी आपके पैसे बच जाएंगे.
  • इसके अलावा बड़ा अंतर रुपये और डॉलर के बीच का है. समय-समय पर डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट देखने को मिलती है. इस तरह ये भी एक बड़ा कारण है.

आने वाले वक्त के लिए क्या है उम्मीद

कोरोना के बाद दुनियाभर की बड़ी कंपनियों का भरोसा भारत पर बढ़ गया है. इसका फायदा भारत की इकोनॉमी को लगातार हो रहा है. कई मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट चीन से भारत में शिफ्ट कर दी गई हैं. एप्पल से लेकर टेस्ला तक कई बड़ी कंपनियां लगातार भारत पर भरोसा जता रही हैं. वहीं दूसरी ओर एप्पल अब भारत मे ही iPhone कैमरे के पार्ट्स बनाने की तैयारी कर रही है. इसके अलावा केंद्र सरकार की भी पूरी कोशिश है कि आईफोन के पार्ट्स को भारत में बनाया जाए, मतलब कि मोबाइल फोन में लगने वाले हर आइटम को भारत में बनाया जाए.

ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एप्पल आईफोन कैमरे की मैन्युफैक्चरिंग के लिए मुरुगप्पा समूह और टाटा समूह की टाइटन कंपनी के साथ बात कर रही है. यह कदम इसलिए भी उठाया जा रहा है ताकि चीन पर आईफोन मैन्युफैक्चरिंग की निर्भरता कम हो सके. भारत में अभी आईफोन के कई मॉडल असेंबल होते हैं, लेकिन कैमरा मॉड्यूल के लिए कोई सप्लायर नहीं है. अगर यह डील होती है तो टाइटन या मुरुगप्पा समूह की ओर से आईफोन कैमरा बनाने का काम किया जायेगा. अगले 5 से 6 महीनों के भीतर ये डील फाइनल होने की संभावना है.

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